Highlights
- दो अधिकारियों को किया गया सस्पेंड
- कलेक्टर और एसपी का हुआ तबादला
- मृतकों के परिजनों को मिलेगा ₹25 लाख मुआवजा
ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के दौरान मची भगदड़ के बाद राज्य सरकार ने बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की है। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए पुरी के जिलाधिकारी सिद्धार्थ शंकर स्वैन और पुलिस अधीक्षक (एसपी) विनीत अग्रवाल को तत्काल प्रभाव से स्थानांतरित कर दिया है। इसके अलावा ड्यूटी में लापरवाही के चलते डीसीपी विष्णु पति और कमांडेंट अजय पाधी को निलंबित कर दिया गया है।
पुरी के नए जिलाधिकारी के तौर पर चंचल राणा को नियुक्त किया गया है, जबकि पिनाक मिश्रा को नए एसपी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) की ओर से जारी बयान में बताया गया कि मामले की प्रशासनिक जांच का आदेश भी दे दिया गया है, जिसकी निगरानी राज्य के विकास आयुक्त करेंगे।
इस दुखद हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों के लिए मुख्यमंत्री ने 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की है। सीएम माझी ने सभी श्रद्धालुओं से क्षमा मांगते हुए कहा कि वह और उनकी सरकार महाप्रभु जगन्नाथ के भक्तों से क्षमा याचना करते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार इस घटना से बेहद दुखी है और शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करती है।
तड़के चार बजे हुआ हादसा
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यह हादसा रविवार तड़के करीब चार बजे हुआ, जब रथ यात्रा के दौरान सैकड़ों श्रद्धालु श्री गुंडिचा मंदिर के पास एकत्र हुए थे। उसी समय अनुष्ठान से जुड़ी सामग्री लेकर आ रहे दो ट्रक भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के रथों के पास भीड़भाड़ वाले क्षेत्र में घुस आए। इससे घटनास्थल पर भगदड़ मच गई।
हादसे में कम से कम तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 50 से अधिक लोग घायल हो गए। मृतकों की पहचान बोलागढ़ निवासी बसंती साहू, बालीपटना निवासी प्रेमकांत मोहंती और प्रवती दास के रूप में हुई है। घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। छह की हालत गंभीर बताई जा रही है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है और पुलिस मामले की जांच में जुटी है।