सिनेमा जगत के दिग्गजों की उपस्थिति में विश्व के पहले हाइब्रिड फिल्म महोत्सव, सिफ़ी के पांचवे संस्करण का समापन हुआ। दुनिया के तमाम देशों से आई कुल 600 फिल्मों में से 12 फिल्मों को पुरस्कारीत किया गया। इस त्रि-दिवसीय फिल्म महोत्सव में 250 से अधिक फिल्मों की स्क्रीनिंग की गई। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रुप में विपिन शर्मा, प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता, निर्देशक, लेखक और संपादक मौजूद रहे। सिफ़ी 2023/24 (सिनेस्ट इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया) का विषय ‘सिनेमा फॉर इंक्लूजन’ पर 7 फरवरी से 9 फरवरी 2024 तक, फिल्म प्रेमियों के बीच दिल्ली मेट्रोपॉलिटन एजुकेशन (डीएमई) कॉलेज, सेक्टर 62, नौएडा में इसका आयोजन हुआ।
त्रि-दिवसीय सिफ़ी 2023/24 के पुरस्कार समारोह में जाने-माने फिल्म निर्माता और कार्टूनिस्ट डॉ हरविंदर मांकड़, विक्रांत किशोर फेस्टिवल डायरेक्टर सिफ़ी, डॉ गौरी डी चक्रवर्ती, प्रोफेसर, बेनेट विश्वविद्यालय और फेस्टिवल डायरेक्टर, आईएडब्लूआरटी, तुलतुल चटर्जी, प्रमुख शास्त्रीय गायिका, ने विशेष अतिथि के रुप में शिरकत की।
दुनिया के तमाम देशों से लगभग 600 फिल्में इस बार तय कैटेगरी के अंतर्गत सिफ़ी 2023/24 में नोमिनेशन के लिए आईं। इनमे से 140 शॉर्ट फिल्म, 68 स्टूडेंट फिल्म, 35 म्यूजिकल फिल्म, 50 एनिमेशन, 180 फिक्शन फिल्म, 110 डॉक्यूमेंट्री शामिर रहीं। इन फिल्मों को सिफ़ी जूरी की टीम आदित्य सेठ, पुरस्कार विजेता फिल्म निर्माता, अकादमिक और सलाहकार, सतीश कपूर, फेस्टिवल डायरेक्टर वी केयर फिल्म फेस्टिवल, निमिष कपूर, वरिष्ठ वैज्ञानिक विज्ञान प्रसार डीएसटी भारत सरकार, प्रवीण नागड़ा, महोत्सव निदेशक किड्ज़ सिनेमा और सांस्कृतिक सिनेमा, डॉ गौरी डी चक्रवर्ती, प्रोफेसर, बेनेट विश्वविद्यालय और फेस्टिवल डायरेक्टर, ने बारीकी से देखा। जिसके परिणाम स्वरुप पांच देशों की 12 फिल्मों को सिफ़ी 2023/24 की विशेष कैटगरी में पुरस्कारित किया गया। वही नौ देशों की 20 फिल्मों को जूरी उल्लेख मिला।
शॉर्ट फिल्म कैटगरी में द सोल ऑफ यूक्रेन, यूक्रेन और क्लीनिंग टाइम, ईरान, फिक्शन फिल्म कैटगरी में ईमा, ईरान और हैंडरिटेन, ईरान, डॉक्यूमेंट्री कैटेगरी में गंदी बात, भारत और मरयान, ईरान, एनिमेशन कैटेगरी में अ स्वीट फ्रैंडशिप, भारत और द रनवे ब्राइड, भारत, म्यूजिकल फिल्म कैटगरी में रसा मुद्रा कूत, भारत और सेव द चाइल्ड सेव नेचर, उज्बेकिस्तान, स्कूल फिल्म कैटेगरी में फेस, ईरान और लोस्ट बट फाउंड में चाइना को पुरस्कारित किया गया।
अभिनेता विपिन शर्मा ने समापन समारोह मंच से सिफ़ी से जुड़ने पर अपनी खुशी जाहिर की। सिफ़ी के 5वें संस्करण के सफलता पूर्वक आयोजन की सराहना करते हुए सिफ़ी के आने वाले संस्करणों को इससे और बड़े स्तर पर होते हुए देखने की शुभकामनाएं दी। उन्होने विशेष ‘विपिन की चौपाल’ कार्यक्रम की स्मरणीय यादों पर कहा कि मैं इसे अपने दिल में हमेशा रखूंगा।
डॉ हरविंदर मांकड़ की शायरियों ने सिफ़ी समारोह की शाम को चार चांद लगाया। सिफ़ी की सराहना करते हुए, डॉ हरविंदर ने इस महोत्सव की महत्वा पर प्रकाश डाला। उन्होने कहा कि आज के समय में युवाओं को फिल्मों की दुनिया और कला से जोड़े रखने के लिए ऐसे फिल्म महोत्सव का होना बहुत जरुरी है। डॉ गौरी डी चक्रवर्ती और टीम ने अपने सांस्कृतिक नाट्य के माध्यम से मां और बेटी के रिश्तों को दर्शाया। इससे उन्होने, कैसे एक मां अपनी बेटी के जीवन से रूढ़िवादी सोच को तोड़ सकती है, यह संदेश दिया। तुलतुल चटर्जी ने अपनी शास्त्रीय गायन से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। विक्रांत किशोर ने सिफ़ी महोत्सव के सफल त्रि-दिवसीय आयोजन पर सभी को शुभकामनाएं दी। और कैसे तमाम फिल्मप्रेमियों के जीवन से इसे जोड़ जाए इस विचार को साक्षा किया।
सिफ़ी 2023/24 के अंतिम दिन फिल्म ‘रॉकी की रानी की प्रेम कहानी’ की विशेष स्क्रीनिंग की गई। इस फिल्म को ऑडियो विवरण, उपशीर्षक और सांकेतिक भाषा के साथ चलाया गया। इससे देखने या सुनने की विकलांगता वाले लोगों ने भी फिल्म का आनंद लिया। इस मौके पर नरेंद्र जोशी, मीडिया रणनीतिकार, क्रिएटिव निर्माता और ऑडियो विवरण विशेषज्ञ मौजूद रहे। उन्होने फिल्मनिर्मातओं से, दिव्यांगजनों को ध्यान में रखकर इस तरह से फिल्मों में संकेतों को जोड़ने पर ज़ोर दिया।
सिफ़ी 2023/24 में इस बार विकलांगता के पहलू को छूती मराठी फीचर फिल्म बाबा की गूंज पहले दिन से ही सभी के दिलों-दिमाग में रही। फिल्म की कहानी और उसके भाव ने फिल्म महोत्सव के पहले दिन ही सभी को विषेश स्क्रीनिंग के दौरान भावुक कर दिया। यह फिल्म मुख्य रुप से सिफ़ी में मौजूद फिल्मप्रेमिया के दिल में घर करने में कामयाब रही। सिफ़ी के समापन समारोह में बाबा फिल्म के एसोसिएट डायरेक्टर शाद्वल ने फिल्म को इतना प्यार देने के लिए सभी का धन्यवाद किया। साथ ही कहा कि आने वाले समय में वो विकलांगता जैसे विषयों पर अपनी फिल्मों को बनाते रहेंगे। ताकि बड़े पर्दों पर भी दिव्यांगजनों और मनोरंजन के बीच उनकी देखने या सुनने की क्षमता बाधा ना बने।
डीएमई मीडिया स्कूल डीन, सिफ़ी डायरेक्टर, प्रोफेसर डॉ. अंबरीष सक्सेना ने सिफ़ी फिल्म महोत्सव समापन समारोह की प्रमुख सफलताओं को साझा किया। सिफ़ी 2023/24 ने अपने विषय ‘सिनेमा फॉर इंक्लूजन’ को ध्यान में रखते हुए दिव्यांगजनों से जुड़ी फिल्मों को ना सिर्फ विशेष स्क्रीनिंग दी बल्कि इस पर लोगों को जागरुक भी करने का काम किया। डॉ. अंबरीष ने सिफ़ी के सभी शुभचिंतकों और विशेष रुप से आए अतिथियों, प्रतिभागियों, दर्शकों के साथ फिल्म प्रेमियों को धन्यवाद किया। उन्होने कहा कि हम इसी तरह से हर वर्ष पूरी कोशिश करेंगे की कुछ ना कुछ अगल विषयों पर बनी फिल्मों को आप सभी के बीच लाने का काम करते रहें।
सुष्मिता बाला, डीएमई कॉलेज हेड ऑफ मीडिया स्कूल डिपार्टमेंट, फेस्टिवल चीफ एसोसिएट डायरेक्टर ने भी सभी सिनेमा जगत के दिग्गजों, मेहमानों और विशेष रुप से डीएमई कॉलेज के शिक्षकों, छात्रों को सिफ़ी 2023/24 को सफल बनाने के लिए आभार प्रगट किया। उन्होने कहा कि ऐसे बड़े आयोजनों को सफलतापूर्वक संपन्न करना तभी मुमकिन है जब आपके पास उन सपनों को पाने की क्षमता रखने वाली टीम हो।
इस बार सिफ़ी 2023/24 मुख्य रुप से अपने #filmingdiversity में विकलांगता के पहलू को लेकर दुनिया के तमाम फिल्ममेकर्स के बीच चर्चा का केंद्र रहा। सिफ़ी भारत का अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव है जिसे दिल्ली मेट्रोपॉलिटन एजुकेशन, कॉलेज सेक्टर 62, नौएडा जोकि गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से मान्यता प्राप्त है, ऑस्ट्रेलिया की डीकिन यूनिवर्सिटी के साथ आयोजित करता है। इस वर्ष नॉटिंघम विश्वविद्यालय, चीन, सिफ़ी में अपनी मूल्यवान भागीदारी दे रहा है।
सिफ़ी का पहला संस्करण 17-20 अप्रैल, 2019 को दिल्ली मेट्रोपॉलिटन एजुकेशन के परिसर में डीकिन विश्वविद्यालय के सहयोग से आयोजित किया गया था। जिसमे विशेष रुप से ऑस्ट्रेलियाई फिल्म निर्माताओं ने ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में शामिल हुए थे। सिफ़ी का दूसरा संस्करण 15-21 दिसंबर, 2020 को कोविड-19 की महामारी के बीच हाइब्रिड मोड में आयोजित किया गया था। सिफ़ी का तीसरा संस्करण 2021 में और चौथा संस्करण, एक मिश्रित प्रारूप में 2022 में किया गया।